कर्मकाण्ड भक्ति सागर

रविवार, 4 नवंबर 2018

☄️शुभ दीपावली(महालक्ष्मी🐾पूजन) विशेष 2018☄️

   

 सामग्री आव्यशकतानुसार   कम ज्यादा ला सकते है
 
पाना लक्ष्मी व श्री गणेश की मूर्तियां (बैठी हुई मूर्ति
१】धूप बत्ती (अगरबत्ती)
२】चंदन
३】 कपूर
४】केसर
५】यज्ञोपवीत 5
६】कुंकु
७】चावल
८】अबीर
९】गुलाल,
१०】अभ्रक
११】हल्दी
१२】सौभाग्य द्रव्य-
१३】मेहँदी
१४】चूड़ी,
१५】काजल,
१६】बिछुड़ी आदि आभूषण
१७】आंटी (कलावा)
१८】रुई
१९】रोली,
२०】 सिंदूर
२१】सुपारी,
२२】पान के पत्ते
२३】पुष्पमाला,
२४】कमलगट्टे
२५】धनिया खड़ा
२६】 कुशा व दूर्वा
२७ पंच मेवा
२८】गंगाजल
२९】शहद (मधु)
३०】शकर
३१】 घृत (शुद्ध घी)
३२】दही
३३】दूध
३४】ऋतुफल(गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े इत्यादि)
३५】नैवेद्य या मिष्ठान्न (पेड़ा, मालपुए इत्यादि) ३६】इलायची (छोटी)
३७】लौंग
३८】मौली
३९】इत्र की शीशी
४०】तुलसी दल
४१】सिंहासन (चौकी, आसन)
४२】पंच पल्लव(बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते)  सम्भब हो तो
४३】 लक्ष्मीजी का पाना (अथवा मूर्ति)
४४】गणेशजी की मूर्ति सरस्वती का चित्र
४५】चाँदी का सिक्का  श्रद्धानुसार
४६】लक्ष्मीजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र  श्र्द्धा अनुसार
४७】गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र श्रद्धाअनुसार
४८】अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र श्रद्धानुसार
४९】जल कलश (ताँबे या मिट्टी का)
५०】सफेद कपड़ा (आधा मीटर)
५१】लाल कपड़ा (आधा मीटर)
५२】दीपक बड़े दीपक के लिए तेल
५३】 ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा)
५४】श्रीफल (नारियल)
५५】धान्य (चावल, गेहूँ)
५६】लेखनी (कलम)
५७】बही-खाता,
५८】स्याही की दवात
५९】तुला (तराजू)  अगर संभव हो तो
६०】 पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल)
६१】एक नई थैली में हल्दी की गाँठ, खड़ा धनिया व दूर्वा आदि खील-बताशे अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र लेवें। 

   【【【【  【【०१】】】】】】】】


दिनांक ०५/११/२०१८
धनतेरस पूजा मुहूर्त = ०६:०५ से ०८:०
प्रदोष काल = सायंकाल ०५:५०से ०८:१४
वृषभ काल = सायंकाल ०६:०५ से ०८:०१
शुभ ०९:२३से १०:४७
चंचल०१:३४ से ०२:५८
लाभ ०२:५८ से ०४ :२२
अमृत०४:२२ से ०५: ४५
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ = ५/नवम्बर/२०१८ को  दोपहर ०१:२४ बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त = ५/नवम्बर/२०१८ को  रात्रि ११:४६ बजे
धनत्रयोदशी या धनतेरस के दौरान लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए 
जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है 
और लगभग २ घण्टे २४ मिनट तक रहता है।
धनतेरस पूजा को करने के लिए हम चौघड़िया मुहूर्त को देखने की सलाह नहीं देते हैं 
क्योंकि वे मुहूर्त यात्रा के लिए उपयुक्त होते हैं।
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【【【【【【०२】】】】】】】
दिनांक ०६/११/२०१८
काली चौदस निशिता पूजा का समय
= रात्रि ११:३८ से १२:३१+ त
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ = ५/नवम्बर/२०१८ को रात्रि ११:४६ बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त = ६/नवम्बर/२०१८ को रात्रि१०:२७ बजे
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【【【【【【【【०३】】】】】】】
दिनांक ०७/११/२०१८
गादी स्थापना मुहूर्त /स्याही भरने का मुहूर्त / कलम दवात सवारने का मुहूर्त /
प्रता:०६:५४से०९:३८ तक
लाभ अमृत बेला/ दोपहर /११:००से१२:००/तक
दोपहर/ १२से१:३०/बजे तक राहु काल रहेगा
दोपहर /०३:०५से ०४/२७तक चंचल बेला
सायंकाल/ ०४:२७से०५:४८तक लाभ वेला
प्रदोष काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त = ०५:४८से ०८:१२
प्रदोष काल = सायंकाल ०५:२७ से ०८:०६
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वृषभ काल =सायंकाल०६:१९ /से०८:१५तक
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सिंह लग्न=अर्ध रात्रि काल१२:४६से/०३:०२तक
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बृश्चिक लग्न=प्रता:०७:३८से/0९:५५ तक 
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कुम्भ लग्न दोपहर   = ०१:४३ से  ०३:४३ तक भी उपयोग में ले सकते  है 
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अमावस्या तिथि प्रारम्भ = ६/नवम्बर/२०१८ को रात्रि १०:२७ बजे
अमावस्या तिथि समाप्त = ७/नवम्बर/२०१८ को सायंकाल ०६:३१ बजे
महानिशिता काल  तंत्र साधना या विशेष पाठ के लिए  है।
रात्रि = ११:३८ से १२:३१+
सिंह काल 
= रात्रि१२:४६+ से रात्रि०३:०२+
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लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है 
और लगभग २ घण्टे २४ मिनट तक रहता है।
कुछ स्त्रोत लक्ष्मी पूजा को करने के लिए महानिशिता काल भी बताते हैं। 
हमारे विचार में महानिशिता काल तांत्रिक समुदायों और पण्डितों, जो इस विशेष समय के दौरान लक्ष्मी पूजा के बारे में अधिक जानते हैं,
उनके लिए यह समय ज्यादा उपयुक्त होता है।
सामान्य लोगों के लिए हम प्रदोष काल मुहूर्त उपयुक्त बताते हैं।
लक्ष्मी पूजा को करने के लिए हम चौघड़िया मुहूर्त को देखने की सलाह नहीं देते हैं 
क्योंकि वे मुहूर्त यात्रा के लिए उपयुक्त होते हैं।
लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान होता है 
जब स्थिर लग्नप्रचलित होती है।
ऐसा माना जाता है कि अगर स्थिर लग्न के दौरान लक्ष्मी पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है। 
इसीलिए लक्ष्मी पूजा के लिए यह समय सबसे उपयुक्त होता है।
 वृषभ लग्न को स्थिर माना गया है 
और दीवाली के त्यौहार के दौरान यह
अधिकतर प्रदोष काल के साथ अधिव्याप्त होता है। 
दिवाली की पूजा के लिए 
प्रदोष काल एबं चार लग्न मुहूर्त होते है –
(१)वृश्चिक लग्न – यह दिवाली के दिन की सुबह का समय होता है. वृश्चिक लग्न में मंदिर, हॉस्पिटल, होटल्स, स्कूल, कॉलेज में पूजा होती है. राजनैतिक, टीवी फ़िल्मी कलाकार वृश्चिक लग्न में ही लक्ष्मी पूजा करते है.
(2)कुम्भ लग्न – यह दिवाली के दिन दोपहर का समय होता है. कुम्भ लग्न में वे लोग पूजा करते है, जो बीमार होते है, जिन पर शनि की दशा ख़राब चल रही होती है, जिनको व्यापार में बड़ी हानि होती है.
(३)वृषभ लग्न – यह दिवाली के दिन शाम का समय होता है. यह लक्ष्मी पूजा का सबसे अच्छा समय होता है.
(४)सिम्हा लग्न – यह दिवाली की मध्य रात्रि का समय होता है. संत, तांत्रिक लोग इस दौरान लक्ष्मी पूजा करते है.
महानिशिता काल में तांत्रिक और पंडित लोग पूजा करते है, ये वे लोग होते है, जिन्हें लक्ष्मी पूजा के बारे में अच्छे से जानकारी होती है.
लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र : ॐ हिम् महालक्ष्मै च विदमहै, विष्णु पत्नये च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात
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【【【【【【【०४】】】】】】】】
दिनांक ०८/११/२०१८
वामन जो कि भगवान विष्णु के एक अवतार है, 
उनकी राजा बलि पर विजय और बाद में बलि को पाताल लोक भेजने के कारण इस दिन उनका पुण्यस्मरण किया जाता है। 
यह माना जाता है कि भगवान वामन द्वारा दिए गए वरदान के कारण असुर राजा बलि इस दिन पातल लोक से पृथ्वी लोक आता है। 
इस दिन नया कार्य प्रारंभ किया जाता है
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त  
= ०६:५५ से ०८:१७ 
शुभ वेला दोपहर /११:००से१२:२१तक
चंचल वेला दोपहर/१२/से१२:४३तक अभिजित
लाभवेला दोपहर /१२:२१से १:३०/तक
गोवर्धन पूजा दोपहर वाद 
मुहूर्त = ०३:१८ से ०५:२७
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ = ७/नवम्बर/२०१८ को ०६:३१ बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त = ८/नवम्बर/२०१८ को शाम ०६:०७ बजे
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【【【【【【【०५】】】】】】】】
दिनांक /०९/११/२०१८
भाई दूज तिलक का समय
भाई दूज टीका मुहूर्त  दोपहर = ०१:०९ से ०३:१७
द्वितीय तिथि प्रारम्भ = ८/नवम्बर/२०१८ को रात्रि ०९:०७ बजे
द्वितीय तिथि समाप्त = ९/नवम्बर/२०१८ को रात्रि ०९:२० बजे
भाई दूज के दिन का चौघड़िया मुहूर्त 
चंचल ०६:३८ से ०८:०१ तक
लाभ ०८:०१से०९:२४ तक
अमृत ०९:२४से १०:४७ तक
शुभ १२:११ से०१:३४ तक
हमारी ओर से दीपावली की  ढेरसारी शुभकामनाओ  सहित  आपको दीपावली मंगलमय हो
मुहूर्त  बहुत ही सावधानी पूर्वक   बनाये गए है।
फिर भी अपने पण्डित जी का आशीर्वचन लेकर ही पूजन करे  ।

   किसी भी धार्मिक अनुष्ठान,यज्ञ ,भागवत कथा, रामकथा, एवं पितरों के शांति हेतु विशेष अनुष्ठान विद्वत ब्राह्मणों के द्वारा सम्पन्न कराये जाते हैं

*संपर्क* *सूत्र* *:-* 
*(1)* *पण्डाजी*जितेंन्द्र*अवस्थी*
             *9993834961*
         (2)*युवराजाचार्य*विशाल*शर्मा*
                    6263744935
*स्थान* *:-* (1) *कोटेश्वर*मन्दिर*गुना*
                     (2) राधकृष्ण ज्योतिष होम बुढाडोंगर
                                              मो.:-    8225803689